दुनिया की पहली उड़ने वाली कार जानकार हैरान हो जायेंगे

दोस्तों 50 साल पहले लोग ऐसा सोचते थे कि 2020 तक टेक्नोलॉजी इतना आगे हो जाएगी कि उड़ने वाली गाड़ियाँ होगी, टेक्नोलॉजी अपने चरम पर होगी और सारी चीज़े एकदम बदल जाएँगी, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नही हुआ, लेकिन अब आने वाले समय में ऐसे लग रहा है कि उड़ने वाली कार देखने को मिलेगी. आज साल 2022 में स्लोवाकिया में कंपनी ने सफलतापूर्वक आसमान में उड़ने वाली कार को बनाकर तैयार कर लिया है और यह हमें भविष्य में नहीं बल्कि वर्तमान में देखने को मिल रही है तो आइये आज इस आर्टिकल में हम इसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं

दुनिया की पहली उड़ने वाली कार

आज साल 2022 में स्लोवाकिया में कंपनी ने सफलतापूर्वक आसमान में उड़ने वाली कार को बनाकर तैयार कर लिया है और यह हमें भविष्य में नहीं बल्कि वर्तमान में देखने को मिल रही है ये जो फ्लाइंग कार है ये सुनने में बहुत ही फ्यूचरिस्टिक चीज़ लग रही है दोस्तों, इस कार को बनाने की शुरुआत आज से 100 साल पहले ही हो गई थी साल 1917 में फ्लाइंग कार बनाने की पहली कोशिश की गई थी या फिर एक ऐसे एयर क्राफ्ट को बनाने की जो सड़क पर भी चल सके और अपनी इच्छानुसार आसमान में उड़ाया जा सके. इसे नाम दिया गया ऑटो प्लेन, लेकिन जब इसे उड़ाने की कोशिश की गई तो ये जमीन से थोड़ा ऊपर तो उठी थी लेकिन कभी भी यह सफलतापूर्वक उड़ नहीं पाई.

साल 1933 में यूएस के एयर कॉमर्स ब्यूरो ने एक प्रतियोगिता रखी जिसका नाम फ्लिवर कॉम्पिटिशन था इन्होंने लोगों को चैलेंज किया कि कोई ऐसा एरोप्लेन का डिजाइन बनाकर दिखा दे जिसकी लागत $700 से भी कम लगें, इस प्रतियोगिता में कई सारे लोगों ने हिस्सा लिया और तरह-तरह के मॉडल तैयार किया जिनमें से एक गाड़ी की तरह दिखने वाला एरोप्लेन था जिसका नाम एरोबाइल था. ये सच में उड़ सकता था लेकिन उस समय बहुत बड़ी आर्थिक मंदी होने के कारण इसे कभी भी प्रोडक्शन नहीं किया जा सका, इसलिए इस प्रोजेक्ट को फंडिंग नहीं मिल पाई और सब कुछ वही खत्म हो गया.

साल 1945 जब अमेरिकन इन्वर्टर रॉबर्ट एडिशन  फुल्टोन (Robert Edition Fullerton) ने एयर फिबियन नाम का एरोप्लेन बनाया जो दिखने में पूरा एरोप्लेन की तरह लगता था बस इतना अंतर था कि इसका आगे वाला हिस्सा हटाया जा सकता था इस एरोप्लेन को कार में बदलने में लगभग 5 मिनट का समय लगता था इस समय में ये बहुत ही इन्नोवेटिव चीज़ थी जिसे फ्लाइट सर्टिफिकेशन भी मिल गया था लेकिन यहाँ दो चीजें एक साथ जोड़ने की वजह से ये ना तो एक अच्छा एरोप्लेन बन पाया ना ये अच्छी कार बन पाई जबकि ऐसा होना चाहिए था कि एक कार हो जो प्लेन में ट्रांसफर हो सके और ये सब कुछ इतना बढ़िया तरीके से हो की इंसान देखता रह जाए. उस समय सिर्फ पैसों की कमी के साथ-साथ  टेक्नोलॉजी की भी कमी थी इसलिए जितनी बार भी कोशिश की जा रही थी उतनी बार सफलता नही मिल पाई थी.

आज के समय में पैसा और टेक्नोलॉजी दोनों अच्छी मात्रा में हैं तभी अक्टूबर 2021 में एक स्वीडिश कंपनी Jetson Aero ने अपना एक Jetson 1 एरोप्लेन बनाया जो देखने में एकदम कार की तरह तो बिल्कुल नहीं है इसे आप एक बड़े साइज का ड्रोन समझ सकते हैं जिसके अंदर एक आदमी बैठता है और उसे पायलट की तरह उड़ाता है Jetson कंपनी ने अपने इस जहाज पर 2017 से काम करना शुरू किया था इसकी खास बात इसका डिजाइन है क्योंकि हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए हेलीपैड की जरूरत होती है लेकिन यह इतना छोटा है कि इससे आप अपने घर की छत पर भी लैंड करवा सकते हैं इसके वजन को कम रखने के लिए इसका पूरा फ्रेम ऐल्युमिनियम का बनाया गया है इसका कुल वजन 86 किलोग्राम है जो काफी कम है और जो व्यक्ति इस पर बैठेगा उसका वजन 95 किलो तक हो सकता है.

इस हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए किसी भी पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यूएस के लॉस के अकॉर्डिंग घर पर बने सिंगल सीटर एयरक्रॉफ्ट उड़ाने के लिए किसी भी पायलट के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी एक ऐसा एयर क्राफ्ट हैं जो सिंगल सीटर है इस पर सिर्फ एक इंसान बैठ सकता है और ये होम बिल्ड है मतलब कि जब आप इसे खरीदेंगे तो ये 50% तक पहले से असेंबल रहेगा लेकिन जब आप इसे ऑर्डर करवाएंगे फिर से खोलने के बाद आपको बाकी के सैंपलिंग खुद से करनी होती है. यहाँ पर कंपनी ने काफी ज्यादा ध्यान दिया है कि अगर कंपनी से कुछ ज्यादा ही लग्जीरियस या फिर ऐडवांस बनाने की कोशिश करती तो किसी भी प्रकार का एक्सीडेंट वगैरह होने पर कंपनी के ऊपर केस किया जा सकता था लेकिन लोग इसे ऑर्डर करने के बाद काफी हद तक खुद ही बनाकर तैयार करते हैं तो कंपनी किसी भी प्रकार के अक्सीडेंट वगैरह की जिम्मेदारी नहीं लेती है.

अगर देखा जाये तो Jetson1  एक बहुत ही फ्यूचरिस्टिक चीज़ है लेकिन इसका प्रैक्टिकल इस्तेमाल ज्यादा नहीं किया जा सकता है क्योंकि आप इसे रात में नहीं उड़ा सकते, शहर के ट्रैफिक के ऊपर नहीं उठा सकते, वैसे अगर इसके फाउंडर की मानें तो इनका कहना है कि हम इस एयरक्राफ्ट के जरिए बहुत बड़ा बदलाव लाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं बल्कि हम लोगों की ख्वाहिशों को पूरा करने की कोशिश  कर रहे हैं जिसमें लोग इसे उड़ा कर मज़े ले सकते हैं. कुल मिलाकर अगर बात की जाये तो फ्लाइंग कार तो आ चुकी है लेकिन अगर आप सड़को पर उड़ने वाली फ्लाइंग कार को देखना चाहते हैं तो उसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा क्योंकि टेक्नोलॉजी आगे बढ़ ही रही है लेकिन बहुत सारी प्रॉब्लम है जिसकी वजह से फंडिंग भी ज्यादा नही मिल पा रही है.

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