जमजम पानी का रहस्य क्या है? | जमजम का पानी क्या होता है?

जमजम पानी का रहस्य क्या है?

दोस्तों आमतौर पर कुएँ से पानी निकालो तो उसका पानी धीरे-धीरे ख़त्म होता है, लेकिन जब बात मक्का शहर के कुएँ से निकलने वाले जम जम के पानी की होती है, तो ये पानी न सिर्फ चमत्कारी है बल्कि इतना रहस्यमयी है कि इसके बारें में सुन कर आप भी परेशान हो जायेंगे. क्यूकी इस कुएँ से हर रोज हजारो की संख्या में लोग पानी निकालते है लेकिन इतने सालों में न ही ये कुआँ सूखा और न ही इस कुएँ का वाटर लेवल कम हुआ और ये कोई ऐसा वैसा पानी नही है इस्लाम धर्म के लोगों के लिए ये किसी अमृत से कम नही है. जिसके पीछे की कहानी सुन कर आपके पैरो तले जमीन खिसक जाएगी और जब हम आपको एक वैज्ञानिक की इस पानी के ऊपर किये गए रिसर्च के बारें में बतायेंगे तब तो आपको और भी ज्यादा हैरानी होगी.

ऐसा कहा जाता है कि हजारो साल पहले पैगम्बर इब्राहिम अपनी पत्नी हाजरा और अपने बेटे हज़रत इस्माईल को अल्लाह के दिए आदेश का पालन करते हुए मक्का के रेगिस्तान में छोड़ कर चले आयें. बेटे इस्माईल को जब प्यास लगी तो रेगिस्तान में दूर-दूर तक पानी की एक भी बूँद दिखाई नही दे रही थी.

मासूम इस्माईल प्यास से इतना ज्यादा तड़पने लगा, कि उसने रेत के ऊपर अपनी एडियाँ रगड़नी शुरू कर दी तभी एक चमत्कार होता है और रेत में से पानी निकलने लगता है और यही वो जगह है, जहाँ पर बाद में कुएँ को बना दिया गया, जिसे आज पूरी दुनियां जम जम पानी के नाम से जानती है. इसी पानी को मक्का मदीना में हज़ की यात्रा करने गये लोग न सिर्फ पीते है बल्कि सबसे पवित्र भी मानते है और इसे अपने घर पर भर कर लाते है क्यूकी उनकी नज़रों में ये दुनियां का सबसे पवित्र पानी है जो की सभी कष्टों को दूर कर देता है.

अब आप भी सोचते होंगे कि आखिर रेगिस्तान के बीचो बीच कैसे ये जम जम का पानी आता है. दोस्तों, इसके ऊपर कई तरह की तहकीकाक की गयी फिर ये नतीजा निकाला गया कि जम जम का पानी मक्का के पहाड़ियों पर बने दरारों से आता है और इस्लामिक मान्यताओं की माने तो पहाड़ियों पर ये दरारे तब बनी थी जब इस्माईल ने अपना पैर जमीन पर रगड़ा था अब आप सोच लीजिये की इस्माईल के पैर रगड़ने से मक्का में इस कदर महीन दरारे पड़ गयी, कि आज के समय के वैज्ञानिक भी इन दरारों को देख कर हैरान हो चुके है.

अब यहाँ सवाल ये है कि आखिर क्यू मुसलमान जम जम के इस पानी को दुनियां का सबसे पवित्र पानी मानते है. इस बात की खोज करने के लिए कई सारे वैज्ञानिको ने जम जम के पानी पर अपनी रिसर्च की लेकिन जापान के एक वैज्ञानिक मसारू एमोटो ने एक ऐसी चीज़ खोज निकाली जिसने हर किसी को हैरत में डाल दिया.

मसारू एमोटो एक ऐसे वैज्ञानिक है जो दुनियां भर में अलग-अलग जगह पर पानी पर रिसर्च करते है ऐसे में जम जम के पानी के ऊपर रिसर्च करने के लिए इनसे बेहतर इंसान कोई हो ही नही सकता था जब इन्होने जम जम के पानी को लिया तो उस पर काफी लम्बे समय तक अपनी स्टडी की इनकी ये रिसर्च इसलिए लम्बे समय तक चली क्यूकी एमोटो ये समझ नही पा रहे थे कि आखिर ये पानी है कैसा? इस तरह का पानी उन्होंने आज से पहले कभी भी नही देखा था. इनका कहना है कि जम जम के पानी के पार्टिकल माइक्रोस्कोप से देखा ही नही जा सकता.

जम जम का पानी इतना ज्यादा ताकतवर है कि इसके पार्टिकल्स को देखने के लिए और इसके क्रिस्टल्स बनाने के लिये जम जम पानी की एक बूँद को नार्मल पानी की हज़ार बूँद के साथ मिलाना होगा, तब जाकर इसके पार्टिकल्स माइक्रोस्कोप से देखे जा सकते है और इसके क्रिस्टल्स बनाये जा सकते है मसारू एमोटो एक और हैरान कर देने वाला खुलासा किया है इनका कहना है कि जब जम जम पानी की मात्र एक बूँद को नार्मल पानी की हज़ार बूंदों में मिलाया जाता है तो उन हज़ार बूंदों में भी वही गुण आ जाते है जो जम जम पानी की एक बूँद में होते है.

अगर हम इस जापानी वैज्ञानिक की माने तो इनके हिसाब से जम जम का पानी किसी चमत्कार से कम नही. अब अगर हम किसी नार्मल पानी का क्रिस्टल बनाये तो उसकी बनावट अलग-अलग होगी, लेकिन जब मसारू एमोटो ने जम जम के पानी से क्रिस्टल्स बनाई तो वो पूरी तरह से तंग रह गये, क्यूकी इस पानी से बनने वाला हर एक क्रिस्टल एक ही तरह का था. सिर्फ इतना ही नही जम जम पानी से बनने वाला क्रिस्टल, नार्मल पानी से बनने वाला क्रिस्टल के मुकाबले बहुत ही ज्यादा खूबसूरत भी बनता है.

इसके अलावा सबसे ज्यादा हैरानी तो तब होती है जब मसारू एमोटो को ये पता चलता है कि मुसलमान इस पानी को पीने से पहले बिस्मिल्लाह करते है अब ये जापानी वैज्ञानिक तो इस पानी के बारें हर एक चीज़ जानना चाहता था इसलिए इन्होंने भी इस प्रोसेस को अपनाकर देखा, और फिर पाया कि जब इस पानी के बिस्मिल्लाह कहा जाता है तब इसके क्रिस्टल पूरी तरह से बदलने लगते है और इस पानी की गुणवत्ता और ज्यादा बढ़ जाते है.

दोस्तों, जम जम का पानी इस दुनिया का एक मात्र ऐसा पानी है, जो कभी ख़राब नही होता और न ही इसमे किसी प्रकार के बीमार करने वाले कीड़े-मकौड़े पनपते है. आमतौर पर दुनिया भर में जितने भी कुएँ है उनमे काई जमनी लगती है, लेकिन जम जम का कुआँ एक मात्र ऐसा कुआँ है जिसमे आज तक काई नही जमी है, जब मुसलमान इस पानी को पीते है तो उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उन्होंने अमृत पी लिया. यहाँ तक कि ऐसा भी कहा जाता है कि जम जम का पानी भूखों के लिए खाना है और बीमारों के लिए दवा. लेकिन दोस्तों, जहाँ एक तरफ मुस्लिम इस पानी को इतना ज्यादा पवित्र मानते है पर कुछ लोग ऐसे भी है जो इस पानी को पीने लायक भी नही मानते.

असल में दोस्तों 1971 में एक डॉक्टर ने यूरोपियन प्रेस में लिखा था मक्का का जम जम पानी लोगों के पीने लायक बिलकुल नही है मैं इसलिए इस पानी को दूषित बता रहा हूँ, क्यूकी मक्का समुन्द्र तल के नीचे है और ये कुआँ मक्का शहर के बीचो बीच स्थित है. इसलिए मक्का शहर का सारा गन्दा पानी नालो से आकर इस कुएँ में जमा होता रहता है जिससे बहुत ही खतरनाक वैक्टीरियां इस कुएं के पानी को दूषित करते है. दोस्तों, डॉक्टर का ये स्टेटमेंट इतना ज्यादा वायरल हुआ कि जम जम के पानी के सैम्पल को टेस्टिंग के लिए यूरोपियन लैब में भेज दिया गया. लेकिन इस पानी के टेस्टिंग के बाद जो रिजल्ट्स सामने आये, उसने पूरी दुनिया को हिला दिया. रिपोर्ट में ये बात सच साबित हुई कि जम जम का पानी सच में किसी रहस्य से कम नही है.

दोस्तों पानी को अच्छी तरह से जाचँने के बाद ये पता चला की कुएँ के अन्दर इतनी गन्दगी होने के बावजूद भी ये पानी इंसानों के पीने के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. इस कुएँ के पानी के अन्दर मैग्नीशियम और कैल्शियम की अधिक मात्रा होने की वजह से यदि इस कुएँ के पानी को कोई कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति भी पीता है तब भी वो अपने आपको तुरंत ऊर्जावान् और तरोताजा महसूस करने लगता है. उसके अलावा जम जम के पानी में पाया जाने वाला फ्लोराइड कीटनाशक की तरह काम करता है.

मतलब कि इस (Jamjam pani ka rahasya kya hai) पूरी रिपोर्ट ने डॉक्टर का जम जम पानी के बारें बताया गया झूठ लोगों के सामने रख दिया गया. दोस्तों, अब आप इसे अल्लाह का चमत्कार कहिये या प्रकृति का तौफा, लेकिन जम जम का ये पानी वाकई में किसी अजूबे से कम नही है. जो रेगिस्तानी इलाके में पाए जाने के बावजूद, इतना ज्यादा पवित्र और फायदेमंद है जो कोई भी इसे पी ले वो अपने अन्दर एक अलग ही प्रकार की शक्ति महसूस करता है, क्यूकी दोस्तों इतिहास गवाह है कि दुनिया में कई सारे विशेषज्ञों ने इस कुएँ पर  कई सारी रिसर्च करने की कोशिश की.

लेकिन कोई भी (Jamjam pani ka rahasya kya hai) विशेषज्ञ इस बात को नही बता पाया की मरुस्थल के ठीक बीचो-बीच में इतना सारा पानी कैसे आ जाता है. वैसे तो ये बात सच है कि इसके पहाड़ो पर बनी दरारो से ही आता है लेकिन कही भी किसी भी जगह पर मौजूद पानी की एक सीमा होती है और जम जम के कुओं के पानी को तो जरूरत पड़ने पर बेहिसाब मात्रा में निकाला जाता है. हर रोज न जाने कितना पानी इस कुएँ से निकलता है लेकिन फिर भी ये कुआँ कभी खाली नही होता है.

Image Credit: Shutterstock

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