पनडुब्बी में सैनिक कैसे रहते हैं ? | How Submarine Works In Hindi

पनडुब्बी में सैनिक कैसे रहते है?

आप लोग भी सोचते होंगे कि आखिर पनडुब्बी में लोग कैसे रहते हैं तो आज इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे.

पनडुब्बी में सैनिकों की लाइफ कैसी होती है?

2013 में जब आइना सिंदुरक्षक नाम की डीजल पॉवर वर्ल्ड क्लास सबमरीन में विस्फोट हुआ था तो 18 लोग मर गये थे उस समय का ये विस्फोट बहुत ही खतरनाक था. इसके बाद से ही लोगों ने पनडुब्बी में रहने वाले सैनिकों पर ध्यान दिया और इसके बारे में जानने लगे क्युकी इसके पहले बहुत कम लोग ही पनडुब्बी में रहने वाले सैनिकों के बारे में जानते थे.

पनडुब्बी में रहने वाले सैनिकों की लाइफ बहुत ही कठिन होती है. इनके घर वालों का कहना है कि इनका मिशन लगभग 30 दिन का होता है लेकिन कभी-कभी इनका मिशन 30 दिन से भी ज्यादा दिनों का होता है. इन सैनिकों के घर वालों को ये भी नही पता होता है कि वो कब और कहाँ है पनडुब्बी में जाने वाले सैनिकों के बारे में जानकारी सिर्फ नौसेना के मुख्यालय को होती है. ये सैनिक पानी के अन्दर पनडुब्बी में रहते हैं पानी के अन्दर होने के बाद भी सैनिकों को पनडुब्बी में बहुत कम पानी मिलता है वहां पर सभी सैनिकों के हिसाब से ही पानी ले जाया जाता है.

पनडुब्बी में ब्लेट जैसी चीजों का इस्तेमाल करना मना होता है इसीलिए पनडुब्बी में रहने वाले लोगों को सेव नही करने दिया जाता है यहाँ पर सैनिकों को ऐसे कपड़े दिए जाते हैं जो लगभग 2 से 3 दिनों तक लगातार पहने रहते हैं सैनिकों के कपड़ो में ऐसे केमिकल होते है जो शरीर से कीटाणुओं को दूर रखने में मदद करते हैं. सैनिकों को खाने में बिना तड़के वाली दाल, चावल, रोटी और कम मसाले में बनी सब्जी दी जाती है पनडुब्बी में खाने का सामान सीमित मात्रा में होता है.

पनडुब्बी जब पानी में जाती है तो उसमे डॉक्टर और चिकित्सालय भी होते है जिससे अगर कभी कोई प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर उसका इलाज कर सकें. पनडुब्बी में सोने के लिए कपाटमेंट होते है जिसमे सैनिक एक-एक करके सोने के लिए जाते हैं. पनडुब्बी पानी के अन्दर जाने के बाद सैनिकों को सूरज की रोशनी और खुली हवा नही मिलती है इसीलिए जब पनडुब्बी पानी के बाहर आती है तो सूरज की रोशनी और खुली हवा मिलने से सैनिकों के हाथों और पैरों में जकड़न आ जाती है.

पनडुब्बी के अन्दर (Pandubi Mein Sainik Kaise rahte hain) सैनिकों को अपने शरीर का बहुत ध्यान रखना होता है बहुत से सैनिक ऐसे हो जाते हैं जो पनडुब्बी में रहने के बाद जब बाहर आते हैं तो वो किसी से सही से बात नही करते हैं इसीलिए पनडुब्बी में रहने के लिए उन्ही सैनिकों को चुना जाता है जो शरीर के साथ-साथ मांशिक तौर पर भी मजबूत होते हैं क्युकी इन सैनिकों को ऐसी जगह पर रहना होता है जहाँ पर उन्हें सिर्फ अपने मिशन पर ध्यान देना होता है और दुश्मनों पर नजर रखना पड़ता है इसीलिए हमेशा एक्टिव रहना बहुत जरूरी है और ऐसा तभी होगा जब सैनिक शरीर के साथ मांशिक तरीके से भी सही होगा.

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