दांतों में मसाला कैसे भरा जाता है | दांतों में कीड़ा कैसे लगता है?

अगर आप तम्बाकू, गुटका, मसाला या मीठा ज्यादा खाने लगते है तो आपके दांतों के कुछ हिस्सों में कीड़े लग जाते है और हमारे दांत के हिस्सों को कीड़े खा जाते है तो ऐसे में बहुत लोग अपने दांतों को फिलिंग करवा कर ठीक करते हैं इसे ही मसाला भरवाना कहते है तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको दांतों में मसाला भरवाने से रिलेटेड पूरी जानकारी देंगे.

दांतों में कीड़ा कैसे लगता है?

दांतों का सबसे ऊपरी लेयर जो सफेद भाग होता है उसे इनेमल कहा जाता है उसके बाद एक पीले रंग की लेयर होती है जिसे डेंटेन कहा जाता है उसके बाद जो सबसे अंदर की लेयर होती है उसे पल्प (नसें) कहा जाता है इसी के कारण हमे ठन्डे और गरम का अहसास होता है.

अगर आप कोई ज्यादा चीनी वाली चीज खाते है तो हमारी ओरल कैविटी मे मौजूद वैक्टीरिया इसे एसिड में बदल देते है और हमारे दांतों की जो सबसे ऊपर की लेयर होती है उसका नेचर बेसिक होता है जो एसिड का अपोजिट होता है और ऐसे में एसिड बीच से रिएक्शन करती है और हमारे Enamel के स्ट्रक्चर को खराब करता जाता है और इससे इसका रंग कला होता जाता है इसे ही कीड़ा लगाना कहा जाता है. अगर कैविटी सिर्फ बहरी हिस्से में हुई होगी तो आपको ज्यादा दर्द नही होगा या आपको ज्यादा कुछ महसूस नही होगा लेकिन अगर आपकी कैविटी पीले रंग की लेयर तक पहुँच जाये तो ठन्डे और गर्म में ऐसा महसूस होता है की दांतों में दर्द हो रहा है अगर यहाँ तक पहुचने के बाद आप फिलिंग नही करवाते है तो कैविटी नसों तक पहुच जाएगी और नार्मल कंडीशन में भी आपके दांतों में दर्द होगा और ये दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ जायेगा कि आपसे दर्द बर्दाश्त ही नही होगा.

दांतों में मसाला कैसे भरा जाता है?

सबसे पहले आपके दांत के जिस हिस्से में कैविटी लगी है उसे ड्रिल करके निकाल दिया जाता है और उसके बाद दांतों में सेम कलर का कोई भी फिलिंग मटेरियल भर दिया जाता है. इसमें से पहली होती है गोल्ड की फिलिंग, ये फिलिंग सबसे महँगी होती है इसमें दांतों से कैविटी वाले हिस्से को निकाल कर उसमे गोल्ड की फिलिंग कर दी जाती है इस फिलिंह का खर्च सोने के भाव पर निर्भर करता है, दूसरी होती है सिल्वर अमल्गम फिलिंग, ये चांदी के रंग के जैसी होती है इसका रंग दांत के जैसा नही होता है अगर आप ये फिलिंग करवाते है तो इसका खर्च 800 से 1000/- रूपये तक आएगा, तीसरी फिलिग़ होती है जीआईसी, ये एक अच्छा फिलिंग मटेरियल माना जाता है इसमें एक प्रॉब्लम होती है कि इसमें सेड्स नही होती है हर व्यक्ति की दांतों की सेड्स अलग-अलग होती है लेकिन इस फिलिंग में आपको आपके दांतों के रंग के हिसाब से फिलिंग नही मिल पाती है अगर आप ये फिलिंग करवाते है तो इसका खर्च 500 से 1000/- रूपये तक आता है.

चौथी होती है कम्पोजिट फिलिंग, जो सबसे ज्यादा यूज की जाती है अगर आप ये फिलिंग करवाते है तो इसका खर्च 700 से 1500/- रूपये तक आएगा.

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