जापान के स्कूल में कौन से नियम लागू होते है?

दुनिया में सभी स्कूलों के कुछ न कुछ रूल्स (जैसे- स्कूल ड्रेस, ड्रेस का साफ होना और जूते पहनना इत्यादि जैसे) होते है जिन्हें बच्चों को फॉलो करना पड़ता है और जिनके आधार पर स्कूल्स को चलाया जाता है, लेकिन जापान के स्कूलों में कुछ ऐसे नियम लागू होते है जिनके बारे में आपको पता भी नही होगा, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको जापान के स्कूलों में लागू होने वाले कुछ रूल्स के बारे में बतायेंगे और इससे रिलेटेड पूरी जानकारी देंगे.

जापान के स्कूल्स में कौन से रूल्स है?

ज्यादातर सभी स्कूलों में बच्चों को स्कूल के रूल्स को मानना पड़ता है जैसे- साफ और फुल ड्रेस और जूते पहन कर जाना आदि जैसी सभी बातें फ़ॉलो करनी होती है. लेकिन जापान में इसके अलावा भी बहुत के रूल्स को फ़ॉलो करना पड़ता है जैसे-

स्कूल क्लीनिंग

हमारे देश में लोग साफ-सफाई जैसे कामों को करने वालो को नीचा माना जाता है लेकिन जापान में ऐसा बिलकुल नही है अपने देश में बच्चे स्कूल में छुट्टी होने पर घर चले जाते हैं लेकिन जापान में छुट्टी होने पर सभी बच्चे अपने क्लास की सफाई करते हैं उसके बाद स्कूल को भी साफ करते हैं साफ़-सफाई करने में टीचर भी बच्चों की मदद करते हैं.

अपने देश में बच्चे घर से लंच लेकर आते हैं और लंच होने पर वही खाना खाते हैं लेकिन जापान में बच्चों को स्कूल में ही लंच दिया जाता है जो हेल्दी होता है और उसमे न्यूट्रीशन भी ज्यादा होता है वहां पर अगर कोई बच्चा घर से खाना लाना भी चाहे तो भी नही लाने दिया जाता है क्युकी उनके स्कूलों में मिलने वाला खाना उनके न्यूट्रीशन के हिसाब से ठीक होता है.

स्कूल यूनिफार्म

अपने देश में जब बच्चे स्कूल जाते है तो उन्हें प्रॉपर ड्रेस में स्कूल भेजा जाता है लेकिन कुछ बच्चों के ड्रेस में चेंजेज होते है. लेकिन जापान में स्कूल बड़ा हो या छोटा सभी बच्चों को सेम ड्रेस पहनना होता है और प्रॉपर ड्रेस में ही स्कूल जाना होता है.क्युकी जापान में डिस्प्लिन में रहना सबसे बड़ा रूल है. वहां पर एक हेयर स्टाइल होती है जिसमे उन्हें अपने बाल रखने होते हैं अगर कोई अपने बालों में कलर करवाना चाहता है तो नही करवा सकता हैं. अगर कोई अपने बालों को किसी दूसरी स्टाइल में बना कर आता है तो उनके बाल स्कूल के अन्दर जाने से पहले ही काट दिए जाते हैं.

रिमूविंग शूज आउटसाइड क्लासरूम

जापान में बच्चे साफ-सफाई खुद ही करते हैं इसीलिए वे क्लासरूम में जाने से पहले ही साइड में बने हुए लॉकर में अपने शूज निकल कर रख देते हैं जिससे गंदगी न हो. शूज को बाहर रखने का ये रूल बच्चों के साथ-साथ टीचर्स को भी मानना पड़ता है.

लिमिट ऑफ़ स्नीत्ज़िंग (Snetzing) इन द क्लास

खांसी और छींक को रोका नही जा सकता है लेकिन जापान के स्कूल्स में इसे रोकने की कोशिश की जाती है क्युकी जापान में स्कूलों में अगर कोई तीन बार से ज्यादा छींकता है तो उसे क्लास से बाहर कर दिया जाता है जिससे दूसरे बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब न हो.

प्रमोशन टू नेक्स्ट ग्रेड

दुनिया के हर देश में बच्चे अच्छे से पढ़ाई करके एग्जाम पास करके दूसरी क्लास में जाते है लेकिन जापान में पूरे साल बच्चों को अच्छे से पढ़ाया जाता है उसके बाद बिना कोई एग्जाम लिए उन्हें दूसरे क्लास में डाल दिया जाता है क्युकी वहां पर बच्चों की पढाई उनके नम्बरों पर निर्भर नही करती है बल्कि उनके नॉलेज (japan me school ke niyam kya hai hindi) पर ध्यान दिया जाता है वहां पर टीचर बच्चों को पढ़ाने पर बहुत ध्यान देते हैं.

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