हमें बुखार क्यों होता है? | Why do we get fever

दोस्तों आप सभी को भी कभी न कभी बुखार जरुर आया होगा लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर बुखार आने का कारण क्या है अगर नही, तो आज के हमारे इस जानकारी को पूरा जरुर पढ़े क्युकी आज इस आर्टिकल में हम आपको बुखार आने के कारण के बारे में पूरी जानकारी देंगे.

बुखार क्यों आता है?

दोस्तों हमें बुखार तब आता है जब हमारे शरीर में मौजूद होने वाले एंटीबॉडी बाहर से आए हुए वायरस बैक्टीरिया वाइरस फैक्शन से लड़ने में फेल हो जाते हैं ऐसी स्थिति में हमारे शरीर के पास इस पर काबू पाने का मात्र एक उपाय होता है शरीर का टेंपरेचर बढ़ाना है जब बॉडी का टेम्परेचर बढ़ता है तो हार्मोनल ऐक्टिविटीज स्लो हो जाती है जिसकी वजह से शरीर में बाहर से आया बैक्टीरिया इन्फेक्शन से ज्यादा तेजी से नहीं फैलते है हार्मोन्स के स्लो हो जाने के कारण आपको कमजोरी महसूस हो सकती है बुखार कितना तेज़ है ये इन्फेक्शन और वायरस पर डिपेंड करता है अगर इसकी क्वांटिटी हमारे शरीर के अंदर कम है तो हमे बुखार कम होगा लेकिन अगर ज्यादा हैं तो शरीर का टेंपरेचर 100° F से लेकर 102° F तक हो सकता है कभी-कभी तो इससे भी ज्यादा हो सकता है वैसे हमारी बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ाने के लिए हमारा माइंड रेस्पोंसिबल होता है.

हमारे बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ाने के लिए हमारा माइंड किस तरह से रेस्पोंसिबल होता है?

इस प्रोसेस में हमारे माइंड का एक पार्ट इन सभी कामों को करने के लिए कमांड देता है जिससे हाइपोथैलेमस के नाम से जाना जाता है इसी के द्वारा ये भी डिसाइड किया जाता है कि कब हमारे शरीर का तापमान को बढ़ाना है और कब कम करना है इन हाइपोथैलेमस को ऐक्टिव करने की जिम्मेदारी हमारे शरीर में मौजूद होने वाले बायोकेमिकल्स की होती है जिससे पायरोजन के नाम से भी जाना जाता है. हमारे शरीर में मौजूद किसी भी तरह की समस्या जब इम्यू सिस्टम को पता चलती है तो ये ब्लड में मौजूद पायरोजन जिनके द्वारा हाइपोथैलेमस को मैसेज भेजती है जिससे हमारा दिमाग तुरंत शरीर के टेम्प्रेचर को बढ़ा देता है और हमे बुखार का अनुभव होने लगता है.

बुखार से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं?

टाइफाइड

ये एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो साल्मोनेला बैक्टीरिया, इन्टेरिका, सेरोटाइप, टायफी बैक्टीरिया के शरीर में फैलने से होता है ये बैक्टीरिया ज्यादातर गंदे पानी और खाने के द्वारा हमारे शरीर के अंदर फैल जाता है ये बैक्टीरिया पानी के साथ सूखी जगहों में भी हफ्तों जिंदा रह सकता है इस बीमारी की शुरुआत बुखार के साथ होती है जिसके बाद सिरदर्द, दस्त, जोड़ों में दर्द आदि जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं.

निमोनिया

यह एक तरह का संक्रमण है जो बैक्टीरिया या फंगस की वजह से हो सकता है ये बिमारी छोटे बच्चों और बूढ़ों में सबसे ज्यादा फैलती है इसकी शुरुआत बुखार से भी हो सकती है जिसके बाद शरीर में मौजूद दोनों फेफड़ों में सूजन के साथ-साथ हमे सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है जब भी ऐसा होता है तो ऐसे में हमारे शरीर का इम्युनिटी सिस्टम इस वायरस से तुरंत लड़ना शुरू कर देता है और ऐसे में बुखार आप को सतर्क करने का काम करता है. निमोनिया में होने वाला बुखार 100° F या कभी-कभी तो उससे भी ज्यादा हो सकता है बड़ों की तुलना में बच्चों में होने वाला निमोनिया काफी खतरनाक होता है ये बिमारी ज्यादातर बदलते मौसम में होती है.

डेंगू

यह बीमारी हर बारिश के मौसम में होने वाली ऐसी बिमारी है जिससे हर साल हजारों लोगों की मौत होती है यह आंकड़ा शहरों के मुकाबले के गावों में ज्यादा होता है जब एडीज नाम का मच्छर किसी इंसान को काटता है तो वह DENV नाम  का वायरस खून में छोड़ता है और यही वायरस धीरे-धीरे हमारे शरीर में फैलने लगता है और हमे तेज बुखार होने लगता है डेंगू में आने वाला बुखार 100° F से लेकर 103° F  या कभी-कभी इससे भी ज्यादा हो जाता है.

मलेरिया

मलेरिया में बुखार प्लास्मोडियम विवाक्स नाम के वायरस की वजह से होता है जो एनोफ्लीज नाम की मादा मच्छर के काटने से होता है ये वायरस ब्लड के द्वारा हमारे पूरे शरीर में फ़ैल जाता है इस बिमारी में आने वाला बुखार 3-5 दिन तक रहता है यह बुखार आने पर समय से इलाज करना जरूरी होता है क्युकी इसमें समय से इलाज न कराने पर खतरनाक हो सकता है. कई बार हमें ऐसा देखने को मिलता है जब शरीर में बार-बार बुखार आता-जाता रहता है ऐसी सिचुएशन को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) नाम की बिमारी का एक लक्षण हो सकता है ये टीबी आपके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा सकती है और समय से इलाज न कराने पर इससे आपकी मौत भी हो सकती है.

टीबी

यह एक संक्रामक रोग हैं यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है इन्सेफेलाइटिस को दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है ये टीबी आपके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा सकती है और समय से इलाज न कराने पर इससे आपकी मौत भी हो सकती है टीबी एक संक्रामक रोग हैं लिहाजा एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है इन्सेफ्लाइटिस को दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो ज्यादातर 16 साल से कम उम्र के बच्चों को ही अपना शिकार बनाता है ये बुखार वायरल इन्फेक्शन से फैलता है जिसकी शुरुआत बुखार से होती है इसके बाद दिमाग में सूजन और सांस लेने में और चलने में भी दिक्कत होने लगती है यह बीमारी होने पर समय से इलाज करना जरूरी होता है क्युकी इसमें समय से इलाज न कराने पर जान जाने का भी खतरा रहता है. इतनी सावधानी बरतने के बाद भी हर साल भारत के कई स्टेट में सैकड़ों बच्चों की मौत इस बिमारी से हो जाती है.

हमे बुखार ना हो इसके लिए क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  1. घर में किसी को भी बुखार होने पर उसके आसपास साफ सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है और अगर हो सके तो ऐसे मरीज की चीज़ो को कुछ दिन के लिए अलग रखना चाहिए ऐसा करने से घर के बाकी लोगों को इन्फेक्शन या बैक्टीरिया से बुखार आने के चांस कम हो जाते है.
  2. कुछ भी खाने से पहले या मुंह में हाथ लगाने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ/ धोएं करें इसके साथ ही अगर आपके घर में जानवर हैं तो उनकी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
  3. घर से बाहर जाते समय हाथ साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का यूज़ भी कर सकते हैं ज्यादातर संक्रमण आपकी नाक, मुंह के द्वारा हमारे शरीर में फैलता है इसलिए बिना हाथ धोए अपने हाथों को भी मुंह या नाक पर न लगायें.
  4. जब भी किसी को ज़ुकाम या खांसी हो तो रूमाल का यूज जरूर करें, इससे वायरस के फैलने की प्रोबेबिलिटी काफी कम हो जाती है.

बुखार होने पर किस तरह का खाना खाना चाहिए?

किसी को भी बुखार होने पर ज्यादा तली-भूली, कैफीन वाली, चिकनाई, मीठा, और थ्री डी जैसी चीजों को बहुत ही कम खाना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में हमारे शरीर का डाइजेस्टिक सिस्टम भी स्लो हो जाता है और तो उस खाने को पचाने के लिए आपके शरीर को काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है इसकी जगह दलिया और खिचड़ी जैसे आसानी से डाइजेस्ट होने वाली चीजे खानी चाहिए.

तो दोस्तों उम्मीद करते है कि हमारी ये जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको बुखार क्यों आता है इसके बारे में भी अच्छे से समझ गये होंगे.

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