हम सिगरेट क्यों नहीं छोड़ पाते है? | Why can’t we quit cigarettes

दोस्तों आप में से बहुत से लोग कुछ न कुछ नशा करते होंगे कुछ लोग शराब पीते होंगे तो सिगरेट, लेकिन क्या आपको पता है कि ये नशा करने वाले लोग ये नशीली चीज़े क्यों नही छोड़ पाते है शराब पीने वाले तो हो सकता है कभी शराब छोड़ दे लेकिन सिगरेट पीने वाले कभी भी सिगरेट नही छोड़ पाते हैं क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों? अगर नही, तो आइये आज इस आर्टिकल में हम इससे रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन लेते हैं.

हम सिगरेट क्यों नहीं छोड़ पाते है?

सिगरेट के अंदर मौजूद तंबाकू की पत्ती में निकोटीन मौजूद होता है जब लोग सिगरेट का धुआं अंदर ले जाते हैं तो ये निकोटीन बड़ी तेजी से हमारे फेफड़ों तक पहुँच जाती है और कुछ सेकंड में ये निकोटीन सीधे दिमाग तक पहुँच जाती है वहाँ पर इसका संपर्क नर्वसेल्स से होता है जिसके असर से डोकोमिन नामक हार्मोन बाहर निकलता है जिसके बाहर निकलते ही धूम्रपान करने वाले को अच्छा महसूस होता है और जब दिमाग को कुछ अच्छा महसूस होता है तो आप उसे दुबारा करने को कहता है लेकिन लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं होता और इसी तरह दिमाग बार-बार धूम्रपान करने का संकेत देता है और लोग उसे करते जाते है जिसकी कारण से वे सिगरेट को छोड़ नही पाते हैं बहुत से ऐसे लोग भी देखे गए हैं जो अधिक धूम्रपान करने की वजह से गले के कैंसर का शिकार हुए और उन्हें जिंदा रखने के लिए उनकी कंठनली को काटकर निकालना पड़ा है लेकिन फिर भी उन्हें धूम्रपान करने की तलब नही ख़त्म हो रही थी.

रॉबर्ट वेस्ट का कहना है कि सिगरेट में मौजूद निकोटीन अफीम हेरोइन जैसे ड्रग्स की तरह होती है दिमाग के जिस हिस्से को एनिमल पार्ट कहा जाता है उस हिस्से से निकोटीन की लत पर काबू पाया जा सकता है, लोगों की सिगरेट पीने की इच्छा का एक बड़ा कारण बाजार का वोर्ब भी है Jeffrey Vigent जो ब्राउन ऐंड विलियमसन तंबाकू कंपनी में लाखों डॉलर के वेतन के साथ बायोकेमिस्ट की पोस्ट पर काम करते थे और इसके पहले ये स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर चुके थे जब उन्हें धूम्रपान को लेकर कंपनी का बिहेवियर खराब लगा, क्युकी जेफरी का कहना था कि उनका ये प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने वालों और उनके आस-पास रहने वाले लोगों की जान ले सकता है लेकिन कंपनी लोगो को अपना प्रॉडक्ट बेचने के लिए तरह-तरह की बातें बता रहे थे जेफरी लगभग 5 सालों तक इस पूरे मामले पर सवाल जवाब करते रहे और फिर 1 दिन उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया और कहा गया कि आपको चुप रहना चाहिए.

लेकिन ये हैरान तो तब हो गये जब जेफरी के बॉस और साथ ही तंबाकू कंपनियों के मालिकों ने कसम खाते हुए ये कहा कि उनके प्रॉडक्ट एडिप्टिव नहीं है लेकिन जेफरी को सच मालूम था और उन्होंने दुनिया को इसके बारे में पूरा सच बताया कि किस तरह से तंबाकू कंपनियां अपने अड्वर्टाइज़्मन्ट के द्वारा लोगों को भ्रमित कर रही है ये इतनी बड़ी बात सामने न आये इसके लिए जेफरी के परिवार वालों को मारने की धमकी भी मिली थी लेकिन वो शांत नहीं रहे और इन्ही बातों से पूरी लोगों को भी समझ आ गया है कि उनके साथ धोखा हो रहा है और इसके बाद से ही तंबाकू के पैकेट के बाहर सावधानी से जुड़े निर्देश लिखे रहते हैं

जबकि पहले कंपनियों का कहना था कि तंबाकू बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है और यहीं से तंबाकू की लत की शुरुआत होती है और आज के टाइम में तो लोग धूम्रपान को कूल दिखने के लिए पीना शुरू करते हैं लोग शौक में एक बार धूम्रपान कर लेते हैं लेकिन फिर धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत हो जाती है जिसे वो कभी नहीं छोड़ पाते, धूम्रपान के ऊपर शोध करने वाले काल का कहना है कि बहुत से लोग धूम्रपान को ब्रेक की तरह इस्तेमाल करते हैं बहुत लोग स्ट्रेस को दूर करने के लिए भी सिगरेट पीते है

जबकि ये मालूम होते हुए कि धूम्रपान से उनकी जान भी ले सकती है लेकिन फिर भी अपने तनाव से मुक्त होने के लिए सिगरेट पीते थी काल कहते हैं कि उन्होंने बहुत से लोगों को देखा है जिनमें से हर इंसान का धूम्रपान करने का अलग-अलग कुछ न कुछ कारण होता है कुछ लोग स्टाइल के लिए धूम्रपान तो कुछ अपना तनाव दूर करने के लिए सिगरेट पीते हैं कुछ लोगो को तो इसकी लत इतनी ज्यादा हो गयी है कि ना चाहते हुए उन्हें सिगरेट पीने पड़ती है क्युकी अगर वो कुछ घंटों तक ना पिएं तो उनके हाथ पैर कांपने लगते है क्योंकि सिगरेट का नशा कोकीन से भी ज्यादा खतरनाक है और इसीलिए लोग इसे छोड़ नही पाते हैं.

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