क्या होगा अगर लाखों वोल्ट करंट वाला तार टूट कर जमीन पर गिर जाये?

दोस्तों क्या आपको पता है कि अगर लाखों वोल्ट करंट वाला तार आंधी में या फिर किसी कारण से टूट कर जमीन पर गिर जाये तो क्या होगा, आइये आज इस आर्टिकल में हम इससे रिलेटेड पूरी जानकारी लेते हैं?

क्या होगा अगर लाखों वोल्ट करंट वाला तार टूट कर जमीन पर गिर जाये?

वैसे तो किसी भी हाइवोल्टेज वायर का ऐसे टूटकर गिरना आसान नही होता है क्योंकि इन तारों के बीच एक मजबूत स्टेनलेस स्टील का तार भी लगा होता है जो इन्हें काफी मजबूती से बांधकर रखता है, लेकिन कभी-कभी तेज आंधी, तूफान या तेज बारिश के कारण ये तार टूट जाते है और जाकर जमीन से छू जाते हैं जिसके कारण बहुत ज्यादा मात्रा करेंट का फ्लो होने लगता है.

हाइवोल्टेज वायर करंट को कैरी करने का काम करते हैं इनका सर्किट से या करंट जेनरेशन से कोई संबंध नहीं होता है, करंट ऑफ लॉ के लिए क्लोज़ सर्किट तो ट्रांसफार्मर में हीं कंप्लीट हो जाता है और ट्रांसफार्मर तीन फेस की मदद से हमे बिजली सप्लाई करता है जिसमें से न्यूट्रल वायर को ग्राउंड कर दिया जाता है जैसे ही हाइवोल्टेज वायर जमीन से टच होता है उसे न्यूट्रल मिलना शुरू हो जाता है इसकी वजह से करंट फ्लो होने लगता है.

न्यूट्रल वायर क्या होता है?

न्यूट्रल को कोल्ड वायर भी कहा जाता है किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में गलती से लीक हुए फेस करंट को बाहर निकालने के लिए अर्थिंग तार का उपयोग किया जाता है और अर्थिंग तार ही न्यूट्रल तार होता है फेज वायर से जितना करंट आता है उतना ही करंट न्यूट्रल वायर से भी जाना जरूरी होता है फेस औए न्यूट्रल दोनों ही करंट ज़रूरी होते हैं और आपको करेंट तभी लगता है जब आप न्यूट्रल वायर से टच होते हैं या फिर वो बिजली का तार कही न्यूट्रल वायर से मिल रहा होगा.

अगर कोई व्यक्ति टूटे हुए हाईवोल्टेज तार के आसपास हो तो क्या होगा?

माना कि आपके पास दो टैंक हैं और इन दोनों टैंक को एक पाइप से जोड़ दिया गया है तो जब उनमें से किसी भी एक टैंक में पानी भरते हैं तो पाइप से होते हुए वो पानी दूसरे टैंक में ज्यादा लगता और जब तक दोनों टैंक में पानी का वाटर लेवल एक बराबर नहीं हो जाता तब तक पानी का फ्लो होता रहता है. यहाँ पर हम पानी की तुलना करंट से कर सकते तो जैसे ही तार जमीन को छूता है तार से करंट का फ्लोर जमीन में होने लगता है और ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस तरह के तार के संपर्क में आता है तो उसे जोर का झटका लग सकता है और एक झटका इतना जोर का हो सकता है कि व्यक्ति की जान भी जा सकती है और इसी कारण पावर स्टेशन पर काफी सिक्योरिटी रहती हैं. पावर स्टेशन में रिले का उपयोग किया जाता है इसके साथ सर्किट ब्रेकर भी लगाया जाता है जैसे ही कोई तार टूटकर जमीन पर गिरता है तुरंत रिले के पास इसकी जानकारी पहुँच जाती है और वो उस सर्किट ब्रेकर को ऑन कर देता है जिससे सर्किट ब्रेक हो जाता है और करंट फ्लो रुक जाता है कई बार तो ये ऐसा होता है कि तार टूटकर वहीं लटक जाता है ऐसे में भी रिले को तुरंत पता चल जाता है लेकिन ऐसे में वो सर्किट ब्रेक नहीं करता बल्कि एक अलार्म बजा देता है जिससे वहाँ काम कर रहे वर्कर्स को पता चल जाता है और वो उस जगह जाकर उसे ठीक कर देते हैं वैसे तो सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन टावर्स को काफी ऊंचा बनाया जाता है.

जिससे कोई भी इसकी ऊंचाई तक नहीं पहुँच सके और इन्हें ऐसे जगहों पर बनाया जाता है जहाँ लोगों का आना-जाना बहुत ही कम हो, जिससे अगर कभी कोई दिक्कत भी हो जाए तो ज्यादा जान-माल का नुकसान ना हो, लेकिन अगर कभी किसी हादसे के कारण कोई बिल्डिंग इस तार की चपेट में आ जाती है तो करंट फैलने से काफी ज्यादा नुकसान होने के चांस रहते है.

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी हाईवोल्टेज तार के पास आ जाए लेकिन वो तार को न छुये तो उसका क्या होगा?

जब कोई हाई वोल्टेज तार जमीन को छूता है तो उसके चारों तरफ करंट फैलने लगता है लेकिन तार से दूर

होने पर इसकी तीव्रता कम होने लगती है.

उदाहरण – माना कि जो तार गिरा है उसका वोल्टेज 1,00,000 किलोवोल्ट है तो उससे थोड़ी दूरी पर 80kv, थोड़ी और दूरी पर 60kv, और फिर उसके बाद 40kv वोल्टेज होगा इसी तरह से वोल्टेज कम होता जाता है इससे पोटेंशियल ग्रेडिएंट कहा जाता है. अगर कोई व्यक्ति इस एरिया में आ जाता है और उसका एक पैर 80kv पर और दूसरा पैर 60kv पर है उसे बिजली का तेज झटका लग सकता है झटका इतना खतरनाक हो सकता है कि उसकी जान भी जा सकती है. ऐसा इसलिए क्युकी जब वह दो सोर्सेस में पोटेंशियल ग्रेडिएंट में डिफरेंस होता है तो उनमें करंट फ्लो लगता है ऐसे ही यहाँ भी होता है और उस शख्स को तेज झटका लग जाता है.

अगर कोई भी व्यक्ति ऐसे स्थिति में फंस जाए तो उसे अपने दोनों पैरों को के साथ रखना चाहिए और दोनों पैरों पर एक साथ जम्प करते हुए उस जगह से दूर जाना चाहिए क्युकी ऐसा करने से आपके पैरों के बीच पोटेंशियल ग्रेडिएंट अलग-अलग नही हो पायेगा और आपको करेंट नहीं लगेगा. अगर कभी हाई वोल्टेज लाइन में उसकी कैपेसिटी से ज्यादा वोल्टेज सप्लाई हो जाती है तो टावर उसे खुद ही जमीन पे ट्रांसफर कर देते हैं लेकिन इस कंडीशन में भी आसपास करंट फैलने का खतरा रहता है इसलिए पावर स्टेशन टॉवर की गतिविधि पर नजर बनाए रखते हैं ताकि कोई भी नुकसान होने से पहले उसे ठीक किया जा सके.

तो दोस्तों उम्मीद करते है कि ये जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ गयी होगी और ये जानकारी आप सभी लोगो के लिए काफी हेल्पफुल भी होगी, हमारी इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ शेयर भी जरुर कीजिये.

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