जानिए फैक्टरी में चुंबक कैसे बनता है? | How a magnet is made in the factory

दोस्तों आप सभी लोग चुंबक को तो जानते ही होंगे जो किसी भी लोहे की चीज़ को अपनी ओर आकर्षित करता है लेकिन क्या आपको पता है कि चुंबक कैसे बनाया जाता है आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको चुंबक बनने से रिलेटेड पूरी इन्फॉर्मेशन देते हैं तो जो लोग इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें.

फैक्टरी में चुंबक कैसे बनता है

आज से पहले सिर्फ नेचुरल मैग्नेट ही होते थे लेकिन आज से कुछ सालों पहले वैज्ञानिकों ने इन्हें मेटल और इलेक्ट्रिसिटी की मदद से बनाना सीख लिया है चुंबक बनाने के लिए सबसे पहले एक ऐसा साँचा बनाया जाता है जिसमें मेटल्स को डालकर चुंबक को आकार दिया जा सके और ऐसा करने के लिए सबसे पहले एक ट्रे (जिसमें चार मैग्नेट रखे जा सके) को मशीन के अंदर डाला जाता है जिससे उसमें रेत भर सके उसके बाद एक वर्कर मशीन को हटाकर सरफेस स्मूथ कर देता है और एक बार फिर इसे मशीन में डाला जाता है और इस बार मशीन गैस पंप करती है जो रेत को कुछ ही सेकंड में केमिकल में बदल देती है जिसके बाद ही रेत एक टिकाऊ मोल्ड में बदल जाती है जिसकी मदद से हम मैग्नेट को सही आकार और सही तरीके से बना सकते हैं. मोल्ड कई अलग अलग तरह के आकार में तैयार किए जाते हैं जिससे चुंबक को अलग-अलग तरह के आकार दिए जाते हैं जिनमें से कुछ सर्कल आकर में होते हैं तो कुछ बेलन के आकार के होते है.

जब मोल्ड बन कर तैयार होता है तो उसके बाद मैग्नेट बनाया जाता है जिसके लिए जरूरी इंग्रीडिएंट को आपस में मिक्स कर दिया जाता है इसमें कॉपर, कोबाल्ट,  सल्फर, निकिल, प्योर आयरन, एल्यूमीनियम, और टाइटेनियम शामिल हैं इन सभी इंग्रेडिएंट को इलेक्ट्रिकल इंडक्शन फर्नेस में डाल दिया जाता है जिसमें बहुत ही ज्यादा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड तैयार होता है जो मेटल को लगभग 1650 डिग्री सेल्सियस पर गर्म करते हैं और उसमें से सारी चीजें पिघल जाती है आप इन्हीं पिघले हुए मेटल्स को मोल्ड में डाल दिया जाता है जो गैस रेत को सख्त कर देती है वो बहुत ही ज्यादा तेज़ ज्वलनशील होती है जिसकी वजह से मोल्ड आग पकड़ लेते हैं जलते हुए इस मोल्ड्स को फैक्टरी में दूसरी जगह ले जाया जाता है जहाँ पर वर्कर्स इसे जमीन पर पटक देते हैं और फिर हथौड़े से पीटकर खोलते हैं इससे हवा अंदर जाती है और मोल्ड ठंडा होता है सभी टुकड़ों को एक बड़े से बिल में रखा जाता है और फिर रेत के टुकड़ों को मोल्ड से अलग करने का काम होता है और इस काम को करने के लिए मैग्नेट की मदद ली जाती है क्योंकि मैग्नेट की सहायता से जो मेटल के टुकड़े होते है उन्हें अट्रैक कर लिया जाता है और जो मेटल के पीसेज़ होते है ये अभी मैग्नेटाईज नहीं होता है

इसलिए मैग्नेट से अच्छी तरह से चिपक जाते हैं सबसे पहले रिंग्स का यव सैट जिसे इलेक्ट्रिक मोटर्स में इस्तेमाल किया जाता है उसे कॉपर पाइप पर लपेटा जाता है और रिंग सेफ पाइप को एक ट्यूब में डालते है और फिर उसके अंदर सिलिका सैंड भरी जाती है जिससे रिंग अपनी स्थिति में ही रहे, और कही भी हिले ना. ट्यूब के दोनों किनारों को कंकरीट की मदद से सील कर दिया जाता है और उसके बाद इन्हें आग की भट्टी में भेज दिया जाता है जहाँ पर ट्यूब बिल्कुल लाल गर्म होने तक भट्टी के अंदर डाले रखना होता है बहुत ही ज्यादा हीटिंग के कारण रिंग एक मैग्नेटिक बिल्ड लेने के लिए तैयार हो जाती है जिसमें मेटल रूड से मिलेगा उस रूड को कॉपर पाइप के सेंटर में डाला जाता है और फिर उसी जगह पर फिट कर दिया जाता है.

पानी पाइप को पिघलने से बचाता है क्योंकि अंदर रिंग्स को लो वोल्टेज और हाइ करंट चार्ज भेजा जा रहा है अब वर्कर्स इस सील को खोलते है और इस प्रोसेस के बाद रिंग्स हल्की सी मैग्नेटाइट हो जाती है जहाँ सबसे पहले खुरदरी सतहों को स्मूथ किया जाता है. अभी ये मैगनेट किसी भी काम के नही है लेकिन ये मशीन इनमें स्ट्रॉन्ग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चार्ज भर देती है पहले हल्का मैग्नेटिक चार्ज भरा जाता है जिससे पहले ये बात पता लगाई जाती है कि मैग्नेटाइजेशन सही से हुआ है या नहीं, और फिर उसके बाद इसे अच्छे से मैग्नेटाइट कर दिया जाता है जहाँ ये पूरा चुंबक बन कर तैयार हो जाता है. चुंबक को बनाने में भी चुंबक का इस्तेमाल होता है इसलिए चुंबक बहुत ही ज्यादा जरूरी चीज़ है इसीलिए चुंबक हमारी जिंदगी में बहुत ही ज्यादा महत्त्व रखता है.

तो दोस्तों उम्मीद है आपको चुंबक के बनने के पूरे प्रोसेस के बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा और आपको इससे रिलेटेड पूरी जानकारी मिल गयी होगी.

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